चंडीगढ़। हरियाणा सरकार द्वारा प्रदेश में 22 जुलाई के बाद टिड्डी दल के हमले में तेजी आने की संभावना के संबंध में जारी चेतावनी के मद्देनजर टिड्डी दल पर काबू पाने और फसलों को नुकसान से बचाने के तीव्र प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए अन्य बचाव उपायों के अलावा कीटनाशक लैम्ब्डा-सिहलोथ्रिन 5ईसी की अतिरिक्त मात्रा में स्टॉक करने की व्यवस्था की जा रही है।
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजीव कौशल ने गुरुवार को बताया कि क्षेत्र में टिड्डी दल पर आमतौर पर इस्तेमाल किए जाने वाले कीटनाशक क्लोरपाइरिफास के लिए टिड्डी प्रतिरोधी बन गए हैं।
नूंह, रेवाड़ी, महेंद्रगढ़, भिवानी व चरखी दादरी जिलों में अलर्ट
कृषि विभाग ने छिडक़ाव के लिए दवाईयों का किया भंडार
बार-बार छिडक़ाव के दौरान कीटनाशकों के उपयोग में एकरुपता को रोकने के लिए, कीटनाशकों के मौजूदा स्टॉक के अलावा लैम्ब्डा-सिहलोथ्रिन के 20,000 लीटर के स्टॉक की व्यवस्था की जा रही है। हरियाणा राज्य सहकारी आपूर्ति और विपणन संघ लिमिटेड (हैफेड) लैम्ब्डा-सिहलोथ्रिन का अतिरिक्त 10,000 लीटर का स्टॉक करेगा। हरियाणा बीज विकास निगम (एचएसडीसी) 4,000 लीटर और हरियाणा राज्य भूमि सुधार विकास निगम (एचएलआरडीसी) 6,000 लीटर का स्टॉक करेगा। हैफेड, एचएलआरडीसी और एचएसडीसी के पास पहले से ही लगभग 48,000 लीटर क्लोरपाइरिफास का स्टॉक है, जबकि एचएलआरडीसी के पास पहले से ही 5,000 लीटर लैम्ब्डा-सिहलोथ्रिन है।
उन्होंने कहा कि कीटनाशक के हवाई स्प्रे के लिए तीन ड्रोन खरीदे गए थे। 66 फायर ब्रिगेड वाहन और 3,540 ट्रैक्टर-माउंटेड स्प्रे पंप उपलब्ध थे। राज्य सरकार पेड़ों पर इस्तेमाल करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा यूनाइटेड किंगडम (यूके) से खरीदी जा रही फॉगिंग मशीनें भी लेगी। टिड्डी चेतावनी संगठन ने राजस्थान के जिला झुंझुनू में बड़े पैमाने पर टिड्डे के प्रजनन के बाद 22 जुलाई के बाद नूंह, रेवाड़ी, महेंद्रगढ़, भिवानी और चरखी दादरी जिलों में टिड्डी दल के हमलों में तीव्रता की चेतावनी दी है। 22 जुलाई के बाद होने वाले इन हमलों के 26 जून से 16 जुलाई के बीच झज्जर, चरखी दादरी, पलवल, सिरसा, नूंह, रेवाड़ी, भिवानी और नारनौल जिलों में 13,038 एकड़ से अधिक क्षेत्र में पहले से घटित हुए हमलों की तुलना में कई अधिक गंभीर होने की संभावना है।
इसी प्रकार, जिला नारनौल में लगभग 93 प्रतिशत से 95 प्रतिशत तक बाजरे और कपास की फसलों को बचाया गया, जहाँ 125 एकड़ में 543 लीटर कीटनाशक का छिडक़ाव किया गया। जिला भिवानी में 1,246 एकड़ में 1,072 लीटर कीटनाशक का छिडक़ाव किया गया, जिसके परिणमास्वरूप वहां किसानों ने दस प्रतिशत तक का नुकसान दर्ज करवाया।