चंडीगढ़। हरियाणा सरकार ने कोरोना काल में अहम फैसला लेते हुए पर्यटन विभाग के माध्यम से शराब बेचने का फैसला किया है। सरकार ने यह फैसला राजस्व बढ़ाने के उद्देश्य से लिया है। पायलट प्रोजैक्ट के रूप में गुरुग्राम में छह शराब ठेके चालू कर दिए गए हैं। निकट भविष्य में इसका विस्तार करते हुए प्रदेश में पर्यटन विभाग के सभी रेस्टोरेंट्स के बाहर आउटलैट्स शुरू किए जाएंगे।
हरियाणा में पिछले लंबे समय से सरकार द्वारा कारपोरेशन बनाकर अपने स्तर पर शराब बेचने को लेकर चर्चा चल रही है। हालांकि इस मुद्दे पर आजतक सहमति नहीं बन सकी है और न ही सरकार खुलकर इसका विरोध कर रही है। इसके बावजूद परोक्ष रूप से सरकार ने पर्यटन विकास निगम को इस मामले में आगे कर दिया है। माना जा रहा है कि सरकार पर्यटन विकास निगम के माध्यम से एक ट्रायल कर रही है। जिसके बेहतर परिणाम आने के बाद इस योजना का विस्तार किया जा सकता है।
हरियाणा सरकार ने हाल ही में अपनी नई आबकारी पालिसी घोषित की है। करीब साढ़े सात हजार करोड़ रुपये का राजस्व जुटाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। काफी दिनों तक शराब ठेके सिर्फ इसलिए नहीं खुल पाए, क्योंकि कोरोना महामारी ने ठेकेदारों व सरकार के कदम रोक रखे थे। कोरोना के कारण सरकार को काफी राजस्व की हानि हुई है। जिसके चलते शराब पर कोरोना सैस भी लगाया गया है। अब सरकार ने पर्यटन निगम की आय में बढ़ोतरी के लिए आबकारी विभाग से अपने आउट्लेट्स (दुकानों) पर शराब ठेके खोलकर शराब की बिक्री की अनुमति मांगी है, जो मिल चुकी है। हालांकि बाजार में मिलने वाली शराब और पर्यटन निगम के ठेकों पर मिलने वाली शराब के रेट में कोई अंतर नहीं होगा। इसका एकमात्र उद्देश्य सरकार के राजस्व में वृद्धि करना है।