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लॉकडाउन में सडक़ों पर रही पुलिस, दुबके रहे अपराधी

July 10, 2020 07:15 PM

चंडीगढ़। हरियाणा में लॉकडाउन के कारण मार्च माह से पुलिस सडक़ों पर है और अपराधी घरों में दुबके बैठे हैं। परिणाम स्वरूप हरियाणा में पहली छमाही के दौरान महिला अपराध की घटनाओं में कमी आई है। हरियाणा के पुलिस महानिदेशक मनोज यादव ने शुक्रवार को चंडीगढ़ में महिला उत्पीडऩ की घटनाओं को लेकर प्रथम छमाही की रिपोर्ट जारी करते हुए अपराधों में 20.46 फीसदी कमी आने का दावा किया है।
हरियाणा में मार्च माह से लॉकडाउन चल रहा है। 31 मई तक हरियाणा लगभग पूरी तरह से बंद रहा। इस दौरान ज्यादातर जिलों की पुलिस सडक़ों पर ही तैनात रही। डीजीपी ने बताया कि साल 2020 के प्रथम 6 माह में महिलाओं के खिलाफ होने वाली अपराध की घटनाओं में  2019 की इसी अवधि की तुलना में 20.46 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। जहां बलात्कार के मामलों में 18.18 प्रतिशत की कमी देखी गई, वहीं अपहरण की घटनाएं भी 27.41 प्रतिशत तक कम हुई।

पुलिस का दावा, महिला उत्पीडऩ की घटनाओं में आई भारी कमी
डीजीपी ने जारी की प्रथम छमाही की क्राइम रिपोर्ट


इस साल जनवरी से जून तक महिलाओं के खिलाफ अपराध को सुलझाने की दर भी हाई रही है। पुलिस द्वारा दुष्कर्म के करीब 99 प्रतिशत मामलों को, अपहरण के 85.33 प्रतिशत तथा छेड़छाड़ के 96.63 प्रतिशत मामलों को सफलतापूर्वक सुलझाया गया है। मनोज यादव ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि जनवरी से जून 2020 के बीच महिलाओं के खिलाफ अपराध में गिरावट दर्ज की गई है। इस साल दुष्कर्म, महिला उत्पीडन, अपहरण, छेडछाड, आदि से संबंधित कुल 4893 मामलों दर्ज हुए जो वर्ष 2019 की इसी अवधि में दर्ज 6153 मामलों की तुलना में 1259 कम रहे।
डीजीपी ने कहा कि हालांकि, पिछले छह महीनों में ओवरऑल क्राईम रेट में गिरावट देखी गई, महिला अपराध में भी हमने अच्छा काम किया है। इस साल 30 जून तक रेप के 657 केस दर्ज किए गए, जबकि पिछले साल इसी समय में यह आंकड़ा 18.18 प्रतिशत ज्यादा यानी 803 था। पोक्सो एक्ट के तहत पंजीकृत मामले भी 850 से कम होकर 11.05 प्रतिशत की गिरावट के साथ 756 रह गए। इस अवधि के दौरान, महिलाओं के अपहरण की घटनाओं में भी 27.41 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है। 2019 में जहां अपहरण के 1587 मामले दर्ज हुए थे वही इस साल 1152 मामले पंजीकृत हुए।
          इसी प्रकार, महिलाओं के साथ छेड़छाड़ की वारदातें भी साल 2019 के 1226 से घटकर 2020 में 1128 रह गई, जोकि 7.99 प्रतिशत कम है। भारतीय दंड संहिता की धारा 498ए के तहत महिलाओं के साथ क्रूरता के मामलों में भी 552 की कमी आई। इसके तहत, 2019 में दर्ज 2140 मामले इस साल 25.79 प्रतिशत की गिरावट के साथ 1588 दर्ज हुए। यादव ने कहा कि 2020 के प्रथम 6 माह के दौरान पुलिसबल द्वारा तेज की गई गश्त व निगरानी से समग्र अपराध के ग्राफ में गिरावट आई है।

 
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