चंडीगढ़। राज्य की आर्थिकता और औद्योगिक बुनियादी ढांचे को और मजबूत करने के लिए पंजाब मंत्रीमंडल की तरफ से आज 3200 करोड़ रुपए की लागत से 2000 एकड़ सरकारी और पंचायती जमीन पर आधुनिक औद्योगिक पार्क और एकीकृत उत्पादन कलस्टर क्रमवार मत्तेवाड़ा (लुधियाना) के नजदीक और राजपुरा (पटियाला) में स्थापित करने के लिए मंजूरी दी गई है।
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह की अध्यक्षता अधीन कैबिनेट की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये हुई मीटिंग के उपरांत एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि यह दोनों प्रोजैक्ट राज्य की आर्थिक तरक्की के लिए औद्योगीकरण की गति को तेज करने और बड़े स्तर पर रोजगार सामथ्र्य बढ़ाने को यकीनी बनाने में सहायक होंगे।
राज्य में औद्योगिक / आर्थिक केन्द्रों के विकास की जरूरत को पूरा करने के लक्ष्य के अनुसार 1600 -1600 करोड़ की लागत से 1000-1000 एकड़ में स्थापित होने वाले दोनों प्रोजैक्ट संभावित उद्यमियों /उद्योगपतियों द्वारा उनके प्रोजैक्ट तेजी से स्थापित किये जाने की जरूरतों की पूर्ति करेंगे। इन प्रोजेक्टों के लिए पंचायती जमीन, आवास निर्माण एवं शहरी विकास विभाग की तरफ से मिश्रित जमीन प्रयोग / औद्योगिक पार्क / एकीकृत उत्पादन कलस्टर (आई.एम.सी) के तौर पर विकसित करने के लिए खरीदी जायेगी।
प्रवक्ता के अनुसार मत्तेवाड़ा के अहम प्रोजैक्ट की रूप-रेखा और पैरवी औद्योगिक विभाग की तरफ से की जा रही थी और सरकारी विभागों की जमीन आवास निर्माण एवं शहरी विकास विभाग की तरफ से ओ.यू.वी.जी.एल. के अंतर्गत प्राप्त की जायेगी। प्रोजैक्ट वाली जगह पिछले कई सालों से पंजाब सरकार के विचाराधीन थी और औद्योगिक विभाग की तरफ से इसे मूल रूप में विचारा गया और इसकी लगातार पैरवी की जा रही थी। आवास निर्माण एवं शहरी विकास विभाग की वित्त और बड़े पैमानो के प्रोजैक्ट को अमलीजामा पहनाने के सामथ्र्य को विचारते हुए इसे इस विभाग को सौंपा गया।
मत्तेवाड़ा में स्थापित होने वाले आधुनिक औद्योगिक पार्क / मिश्रित जमीन विकास के लिए उपलब्ध जमीन की विस्तृत जानकारी देते हुए प्रवक्ता ने बताया कि 955.6 एकड़ में से 207.07 एकड़ पशु पालन विभाग के साथ सम्बन्धित है, 285.1 एकड़ पुनर्वास विभाग (आलू बीज फार्म), 416.1 एकड़ ग्राम पंचायत सेखोवाल, 27.1 एकड़ ग्राम पंचायत सलेमपुर (आलू बीज फार्म) और 20.3 एकड़ ग्राम पंचायत सैलकलां की है।