चंडीगढ़। पंचकूला शहर के सेक्टर-22 स्थित आईटी कंपनी पंचकूला के आईटी पार्क में कोई भी बड़ी आईटी कंपनी इन्वेस्ट करने से कतरा कर रही है। इसका मुख्य कारण सरकार द्वारा इसकी अनदेखी है। हरियाणा गवर्नमेंट आईटी पार्क को डेवलप कर इसे लगभग भूल चुकी है। इंफ्रास्ट्रक्चर के अभाव में आईटी पार्क में प्लॉट खरीदने वालों को कोई भी फायदा नहीं मिल पा रहा है। आई टी पार्क एंटरप्रेन्योर एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को ट्वीट के माध्यम से आज एक मेमोरेंडम भेजकर मांग की है की सरकार इस और ध्यान दें।
आईटी पार्क में इन्वेस्ट करने से कतरा कर रही है बड़ी आईटी कंपनी
सीएम खट्टर को सुविधाओं के लिए ट्वीट के माध्यम से मेमोरेंडम भेजा
मूलभूत सुविधाओं के लिए तरसा पंचकूला का आईटी पार्क-एसोसिएशन
एसोसिएशन के प्रधान अनुज अग्रवाल ने कहा कि 2008 में युवाओं को जॉब देने के लिए पंचकूला और मोहाली में आईटी पार्क का निर्माण एक साथ शुरू हुआ था अगर चंडीगढ़ व मोहाली के आईटी पार्क से पंचकूला के आईटी पार्क की तुलना करे तो यहां कई मूलभूत सुविधाएं तक नहीं है। आईटी पार्क बने 12 साल बीत चुके हैं। सरकार ने आईटी पार्क की डेवलपमेंट की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया। ध्यान न देने के कारण आईटी पार्क काफी पिछड़ गया है। खाली पड़े प्लॉट जंगल बन रहे हैं। इनमें झाडिय़ों की भरमार है। कुछ प्लॉट खाली पड़े हैं। इनमें पानी भरने से छोटे छोटे तालाब बन गए हैं। यह प्लॉट साथ वाले प्लॉट के लिए नुकसानदायक साबित हो सकते हैं। खाली प्लॉट में हर वक्त पानी भरे रहने से साथ वाले प्लॉट का स्ट्रक्चर व नींव कमजोर हो सकती है। इससे साथ वाले प्लॉट में सीलन भी आ रही है।
उन्होंने कहा कि आईटी पार्क में बस स्टॉप तक नहीं है। खाली पड़े प्लॉट में झाडयि़ों की भरमार होने के कारण यहां जंगल तक बन गए हैं। कुछ प्लॉट में बेसमेंट खोदने के बाद इसे खाली छोड़ दिया गया है। इससे इन प्लॉट में बारिश का पानी एकत्र होने से यहां मिनी पोंड बन गए है। इसके अलावा आईटी पार्क में आईटी कंपनियां चलाने वाले और प्लॉट होल्डर्स की संस्था आई टी पार्क एंटरप्रेन्योर एसोसिएशन चाहती हैं कि यहां की डेवलपमेंट के लिए पंजाब की तर्ज पर सुविधाएं दी जाए। बिजली सस्ती की जाए। बिल्डिंग में फ्लोर वाइज रजिस्ट्री की इजाजत हो। फ्लोर एरिया रेशो बढ़ाया जाए। प्लाट सेल पर जीएसटी कम की जाए।
अनुज अग्रवाल,ने कहा कि पार्क में फ्लोर वाइज सेल की इजाजत मिलनी चाहिए आईटी पार्क में फ्लोर वाइज सेल की इजाजत मिलनी चाहिए। पंजाब, गुजरात, महाराष्ट्र सहित कई राज्यों में आईटी इंडस्ट्री में फ्लोर वाइज सेल की इजाजत है। न यहां की डेवलपमेंट हो रही हैं और न काम मिल पा रहा है। आईटी पार्क में बस स्टॉप बने। नाडा साहिब गुरुद्वारा तक लोकल बसें आती हैं। इन बसों का रूट आईटी पार्क में से भी निकाला जाए
सचिव अरूण सेठी ने कहा कि हरेक के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर प्लॉट खरीदना संभव नहीं अगर आईटी सेक्टर में फ्लोर वाइज सेल की इजाजत होगी तो यंगस्टर्स बड़े प्लॉट में कुछ जगह लेकर भी अपनी आईटी इंडस्ट्री शुरू कर सकते हैं। आईटी पार्क, सेक्टर-22 में एक से दो एकड़ के प्लॉट हैं। एक एकड़ प्लॉट साढ़े छह से सातकरोड़ रुपये में है। इसमें कंस्ट्रक्शन पर करीब 15 करोड़ रुपये खर्च हो जाते हैं। हरेक व्यक्ति के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर प्लॉट खरीदना संभव नहीं है। अगर फ्लोर वाइस सेल की इजाजत होगी तो यंगस्टर्स कुछ लाख रुपये खर्च कर प्लॉट का कुछ हिस्सा या एक फ्लोर लेकर अपना काम शुरू कर सकेंगे।