चंडीगढ़। उत्तराखंड सरकार की चेतावनी के बाद हरियाणा सरकार ने कांवड़ यात्रा पर रोक लगा दी है। अब हरियाणा सरकार इस बात पर मंथन कर रही है कि प्रदेश के लोगों को घर बैठे ही गंगाजल मुहैया करवाया जाए। इसके लिए उत्तराखंड सरकार भी राजी हो गई है। बहुत जल्द हरियाणा सरकार इस संबंध में फैसला करेगी। छह जुलाई से सावन माह शुरू होने जा रहा है। ऐसे में कोरोना के चलते सरकार के लिए बड़ी समस्या लोगों की धार्मिक भावनाओं की कद्र करते हुए उन्हें कांवड़ यात्रा से रोकना है।
उत्तराखंड सरकार पहले ही कोरोना का हवाला देकर कांवड़ यात्रा पर रोक लगा चुकी है।
उत्तराखंड सरकार ने हरियाणा को लिखा पत्र
सरकारी अनुमान के अनुसार हरियाणा से हर साल करीब एक करोड़ लोग कांवड़ यात्रा में भाग लेते हुए हरिद्वार जाते हैं और वहां से गंगाजल लेकर आते हैं। इस बार कोरोना के चलते हरियाणा सरकार ने भी कांवड़ यात्रा तथा कांवड़ शिविरों पर रोक लगा दी है। सरकार का मानना है कि कोरोना के चलते कांवड़ शिविरों और यात्रा में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाना बेहद कठिन काम है।
उत्तराखंड सरकार ने हरियाणा सरकार को सुझाव दिया है कि सरकार अगर चाहे तो अपने स्तर पर हरिद्वार से गंगाजल ले जाकर हरियाणा के मंदिरों में रखवा सकती है और वहां से लोगों को गंगाजल दिया जा सकता है। इससे लोगों की धार्मिक भावनाएं भी आहत नहीं होंगी और कोरोना के बचाव के साथ-साथ उन्हें घर बैठे गंगाजल भी मिलेगा।
सूत्रों की मानें तो हरियाणा सरकार ने इस सुझाव को अमली रूप देने की तैयारी कर ली है। प्रदेश के सभी जिलों से प्रसिद्ध एवं ऐतिहासिक शिव मंदिरों का ब्यौरा मांग लिया गया है। सरकार की योजना है कि आने वाले दिनों में हरिद्वार से टैंकरों के माध्यम से गंगाजल यहां लाया जाए। इसके बाद हरिद्वार से आने वाले गंगाजल को जिला स्तर पर मंदिरों में रखवाया जाए और शिवरात्रि के अवसर पर श्रद्धालुओं को जलाभिषेक के दौरान यह गंगाजल दिया जाए।