चंडीगढ़। डॉक्टरों को ईश्वर का दूसरा रूप माना जाता है और मैं उन सभी डॉक्टरों को सलाम करता हूँ जो कोविड-19 के विरुद्ध जंग में अगली कतार में निरंतर लड़ाई लड़ रहे हैं और इस महामारी पर काबू पाने के लिए शानदार सेवाएं दे रहे हैं। इन डॉक्टरों की सेवाओं के स्वरूप पंजाब कोरोनावायरस के फैलाव पर सफलतापूर्वक काबू पाने वाला देश का अग्रणी राज्य बन गया है। उक्त विचारों का प्रगटावा स्वास्थ्य मंत्री स. बलबीर सिंह सिद्धू ने यहाँ राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस के मौके पर किया।
स. सिद्धू ने डॉक्टरों को बधाई देते हुए कहा, ‘‘जब सभी डॉक्टर कोरोनावायरस के विरुद्ध इस जंग में अथक यत्न कर रहे हैं तब इस वर्ष में राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस 2020 की महत्ता और भी बढ़ गई है। इस भयानक महामारी के चंगुल में से देश को मुक्त कराने के लिए सभी डॉक्टर इस समय के दौरान बेमिसाल योगदान दे रहे हैं।
स्वास्थ्य मंत्री ने इस महामारी के दौरान सरकारी क्षेत्र में सेवाएं निभा रहे डॉक्टरों की भूमिका संबंधी बताते हुए कहा कि जब सभी निजी संस्थाओं ने कुछ समय के लिए काम करना बंद कर दिया तो सरकारी डॉक्टरों ने इस बीमारी के विरुद्ध लड़ाई में दिन-रात मेहनत की और समाज की सेवा की। उनके अथक यत्नों के स्वरूप पंजाब में लगभग 70 प्रतिशत रिकवरी दर है, जो राष्ट्रीय औसत की अपेक्षा काफ़ी बेहतर है और मैं उनके अपने पेशे के प्रति समर्पण को सलाम करता हैं।
डॉक्टरों की महत्ता को समझते हुए हम कोरोना संकट के दरमियान उनकी तरफ से समाज के प्रति दिए जा रहे योगदान को देख रहे हैं। जब हम ख़ुद को एकांतवास में रख रहे हैं, ये डॉक्टर ही हैं जो घातक वायरस के संक्रमण से प्रभावित व्यक्तियों की जि़ंदगियों को बचाने के लिए कोरोनावायरस के खि़लाफ़ लगातार लड़ाई लड़ रहे हैं।
राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस संबंधी जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि यह दिवस पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री और एक प्रसिद्ध डॉक्टर बीधान चंद्र रॉय की याद में मनाया जाता है। उनका जन्म 1 जुलाई, 1882 को हुआ और 80 साल की उम्र में 1 जुलाई, 1962 को उनका देहांत हो गया। डॉ. रॉय को 4 फरवरी, 1961 को देश का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया गया। 1991 में भारत ने एक महान डॉक्टर के तौर पर डॉ. रॉय के सम्मान में राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस मनाना शुरू किया।