चंडीगढ़ , 28 जून। हरियाणा में अभी तक कोरोना पॉजिटिव मिले सभी मरीजों पर राज्य सरकार स्टडी करवा रही है। पीजीआई रोहतक में कोविड-19 के नोडल अधिकारी डॉ ध्रुव चौधरी को यह जिम्मा सौंपा है। डॉ चौधरी के नेतृत्व में ही कोरोना से हुई मौतों पर भी स्टडी हो रही है। प्रदेश में अभी तक हुई मौत के मामले में एक बात सामान्य यह है कि आखिरी स्टेज में अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों को बचाने में डॉक्टरों को दिक्कत आई।
मोटे तौर पर यह अनुमान लगाया गया है कि कोरोना के लक्षण मिलते या पॉजिटिव रिपोर्ट आते ही डॉक्टरों के पास आने वाले मरीजों के ठीक होने होने की संभावना काफी अधिक रहती है। ऐसे मरीजों का रिकवरी रेट लगभग 100 प्रतिशत तक भी हो सकता है। डॉक्टरों की परेशानी उस समय बढ़ जाती है जब कोरोना पूरी तरह से शरीर में फैलने के बाद मरीज अस्पताल पहुंचते हैं। ऐसे में मरीज को बचाना चुनौतीपूर्ण हो जाता है।
दूसरी बीमारियों से ग्रसित बुजुर्गों को में बढ़ जाता है मौत का खतरा
दरअसल, पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद डॉक्टरों द्वारा मरीज का उपचार चरणबद्ध तरीके से किया जाता है। कोरोना की अलग-अलग स्टेज है। किस स्टेज पर कौनसी दवा देनी है, इसके लिए डॉक्टरों द्वारा प्रोटोकॉल बनाया हुआ है। लेकिन जब कोरोना पूरे शरीर में ही जड़ें जमा लेता है तो मरीज को ऑक्सीजन या वेंटिलेटर पर रखना होता है। पहले से दूसरी बीमारियों से ग्रसित मरीजों को बचाना फिर बहुत मुश्किल हो जाता है। इसीलिए सरकार बार-बार लोगों को कह रही है कि लक्षण दिखते हुए डॉक्टरों से संपर्क करें।
हरियाणा में कोविड-19 से अभी तक सवा 200 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। अभी तक के रिकार्ड के हिसाब से अधिकांश मौत के पीछे कोरोना संक्रमण के अलावा दूसरी बीमारियां भी जिम्मेदार रही। शुगर, बीपी, हार्ट, लीवर, किडनी आदि की बीमारियों से ग्रसित बुजुर्गों को अगर कोरोना होता है तो उस स्थिति में मौत का खतरा बढ़ जाता है। शरीर में बीमारियों से लडऩे की क्षमता कम होती है। ऐसे में संक्रमण शरीर पर हावी हो जाता है। एक दिन में 150 से 200 तक पॉजिटिव मरीज मिल रहे हैं लेकिन सरकार का दावा है कि प्रदेश में कहीं पर भी कम्युनिटी स्प्रेड नहीं है। केंद्र सरकार द्वारा कोरोना संक्रमण रोकने व मरीजों को ट्रैक करने के लिए शुरू की गई आरोग्य सेतु एप कारगर हथियार है। प्रदेश में अभी तक 60 लाख 38 हजार लोगों ने अपने स्मार्ट फोन में इस एप को डाउनलोड किया है। इससे एप डाउनलोड करने वाले लोगों को अपने आसपास कोरोना पॉजिटिव मरीजों के बारे में पता लग जाता है।