चंडीगढ़। हरियाणा सरकार ने प्रदेश की अनाज मंडियों में आने वाले किसानों के लिए शुरू की गई अटल कैंटीन योजना का विस्तार करते हुए 11 जिलों में किसानों को दस रुपये में भरपेट खाना देने का फैसला किया है। इस योजना में किसानों के अलावा पंजीकृत मजदूरों को भी शामिल किया गया है। पहले चरण में पांच जिलों में पायलट प्रोजैक्ट शुरू किया गया था। जिसकी सफलता के बाद छह नए जिलों को इसमें जोड़ दिया गया है। तीसरे चरण में राज्य के अन्य जिलों को सरकार कवर करेगी। सरकार ने सभी 22 जिलों में यह कैंटीन शुरू करने की योजना बनाई है। योजना के अगले चरण में सब-डिवीजन स्तर की मंडियों को कवर किया जाएगा।
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हरियाणा सरकार ने करनाल, पंचकूला, भिवानी, फतेहाबाद व नूंह की मंडी से अटल कैंटीन शुरू की थी। जिन्हें अब टोहाना, सिरसा, रेवाड़ी, घरौंडा, थानेसर व रोहतक की मंडियों में विस्तार किया जा रहा है।
इनकी नियमित रूप से जांच भी होगी। इतना ही नहीं, प्रदेश मुख्यालय की कैंटीन पर पूरी नजर रहेगी। सभी कैंटीन में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। इस बीच, सरकार ने सभी जिलों के डीसी को भी निर्देश दिए हैं कि वे अनाज मंडियों में कैंटीन की संभावनाओं को तलाशें और रिपोर्ट बनाकर भेजें। कृषि विभाग के अधीन आने वाले हरियाणा एग्रीकल्चर मार्केटिंग बोर्ड (एचएसएमबी) की ओर से कैंटीन के लिए लगभग छह लाख रुपये कीमत का सामान उपलब्ध करवाया जा रहा है। इसमें गैस बर्नर, चिमनी, डीप फ्रीजर व वाटर कूलर के अलावा जरूरत का अन्य सामान शामिल है।
कैसे काम करती है अटल कैंटीन
हरियाणा सरकार द्वारा चलाई जा रही अटल कैंटीनों का संचालन सेल्फ हेल्फ ग्रुप के माध्यम से करवाया जा रहा है। इसमें सरकार की ओर से सब्सिडी भी दी जाती है। आमतौर पर मंडियों में रोजाना 300 के करीब किसानों व मजदूरों का आना होता है। उसी को ध्यान में रखते हुए रोजाना 300 लोगों का खाना कैंटीन में बनता है। 10 रुपये की इस थाली में तवा रोटी, चावल, दाल फ्राई व एक सीजनल सब्जी दी जाती है। इसी तरह से पोर्टेबल पेयजल भी थाली के साथ है। कैंटीनों में पारदर्शिता के लिए इलैक्ट्रॉनिक बिलिंग मशीन लगाई गई है। यानी हर थाली की पक्की पर्ची कटती है।