चंडीगढ़। हरियाणा सरकार ने प्रदेश के निजी अस्पतालों में कोरोना टेस्ट फीस निर्धारित करने के बाद एक बार फिर से शिकंजा कसते हुए बैड, आक्सीजन तथा वेंटीलेटर की फीस भी तय कर दी है। अब प्रदेश में कोई भी निजी अस्पताल कोरोना रोगियों से मनमाने दाम नहीं वसूल सकेगा। हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के निर्देशों पर अतिरिक्त मुख्य सचिव ने प्रदेश के सभी सिविल सर्जनों व जिला उपायुक्तों को इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। दिल्ली, तामिलनाडु, महाराष्ट्र व तेलंगाना के बाद हरियाणा देश का पांचवा ऐसा राज्य है जहां निजी अस्पतालों में इलाज की दरें सरकार द्वारा निर्धारित की गई हैं।
हालही में नीति आयोग की बैठक में राज्य सरकारों को यह निर्देश दिए गए थे कि वह अपने-अपने राज्यों में निजी अस्पतालों में कोरोना रोगियों के उपचार के लिए दरों को निर्धारित करें और इसका उलंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए एक कमेटी का गठन करें।
टेस्ट फीस तय करने के बाद अब बैड,आक्सीजन और वेंटीलेटर के रेट किए तय
आमतौर पर निजी अस्पतालों में मरीज को उपचार के लिए पैकेज की तरह धनराशि बताई जाती है। जिसके चलते सरकार ने नए रेटों को पैकेज के रूप में ही मान्यता देते हुए निजी अस्पतालों के लिए एक और दरवाजा बंद कर दिया है। सरकार द्वारा तय की गई दरें हर आयु वर्ग के मरीजों के लिए मान्य होंगी। सरकार ने यह भी साफ कर दिया गया है कि गर्भवति महिलाएं, प्रसुति व नवजात बच्चों के उपचार आदि इस दायरे में शामिल नहीं होंगे। ऐसे रोगियों से अस्पताल पूर्व निर्धारित नियमानुसार फीस ले सकेंगे।
सरकार द्वारा आक्सीजन, वेंटीलेटर व बैड के लिए तय किए गए दामों में कोरोना जांच की फीस को शामिल नहीं किया गया है। यह फीस पहले से तय किए गए नियमानुसार ली जाएगी। सरकार ने इस पत्र के माध्यम से निजी अस्पतालों को चेताया है कि इलाज की दरें तय किए जाने के बाद कोई भी अस्पताल प्रबंधक उपचार के मामले में समझौता नहीं करेगा। इन आदेशों का उलंघन करने वाले अस्पताल प्रबंधकों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई किए जाने का प्रावधान रखा गया है।