Thursday, April 25, 2024
Follow us on
BREAKING NEWS
बिजली घोटाले में रणदीप सुरजेवाला के खिलाफ विजीलेंस ने हाइकोर्ट में पेश की स्टेटस रिपोर्टतृतीय वाल्मीकि समाज सामूहिक विवाह सम्मेलन हुआ संपन्नजींद जिले के खिलाड़ी सूरज रोहिल्ला नही हैं किसी परिचय के मोहताज पंचकूला विधानसभा की विजय संकल्प रैली 28 अप्रैल को, सीएम नायब सैनी होंगे मुख्य अतिथिइनेलो ने फरीदाबाद, सोनीपत व सिरसा में उतारे प्रत्याशीहरियाणा में लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेगा अकाली दल, इनेलो का करेगा समर्थनकांग्रेस ने जारी नहीं की प्रत्याशियों की असली सूची, सोशल मीडिया पर आई फर्जी सूचीआम नागरिकों व प्रशासन के बीच रैजिडैंट्स एसोसिएशन बनी सेतू: अरोड़ा
 
 
 
Astrology

चातुर्मास इस बार 4 की बजाए - 5 मास का रहेगा।

June 25, 2020 05:11 PM

इस वर्ष चातुर्मास जो पहली जुलाई से, 25 नवंबर तक है, चार मास की बजाए, पांच मास का रहेगा। इस चौमासे का विवरण रामायण काल में भी मिलता है जब भगवान राम, कहते हैं कि अब चौमासा भी समाप्त होने जा रहा है और सीता जी का कुछ पता नहीं चल रहा।  इस बार आश्विन मास, मलमास अर्थात अधिक मास होने से एक की बजाय दो बार आएगा और सभी उत्सव, पर्व एवं त्योहार आदि गत वर्षों की तुलना में लेट आएंगे। अक्सर श्राद्ध समाप्त होते ही अगले दिन नवरात्र , आरंभ हो जाते थे परंतु 2020 में , लीप वर्ष होने के कारण , ऐसा नहीं हो पाएगा। ऐसा यह पहली बार नहीं हो रहा ,अक्सर कई बार हो चुका है।

अब  श्राद्ध पहली सितंबर से  आरंभ होकर , 17 सितंबर तक चलेंगे ,अर्थात  अन्य सालों के विपरीत  नवरात्र, 17 अक्तूबर से आरंभ होंगे, दशहरा 25 अक्तूबर को पड़ेगा और दीवाली 14 नवंबर को होगी। चातुर्मास पौराणिक काल में अधिक महत्वपूर्ण था जब ऋतु परिवर्तन के 4 महीने , अधिक वर्षा, बाढ़, भूस्खलन, पर्वतों पर हिमपात, कीड़े मकौड़ों , बीमारियों आदि से भरपूर होते थे और जनसाधारण को कहीं बाहर न निकलने की सलाह दी जाती थी और समय बिताने के लिए ,पूजा पाठ का मार्ग बताया जाता था। जैन समाज में भी इस काल की अवधि में संत एक स्थान पर बैठ कर ही तप करते आ रहे हैं।

वर्तमान समय में  ऐसा क्रियात्मक रुप से संभव नहीं है और बचाव के अनेक साधन मौजूद हैं  फिर भी कोरोना काल में ईश्वर से इससे मुकित की प्रार्थना करने में हर्ज क्या है ? समय के साथ साथ औचित्य, परिवेश , पाठ -पूजा का तरीका बदल जाता है, अतः 5 मास के इस काल में आप अपनी आवश्यकता एवं समयानुसार , जप तप कर सकते हैं।

 
Have something to say? Post your comment