एकादशी तिथि प्रारम्भ:जून 30, 2020 को 07:49 बजे सायं
एकादशी तिथि समाप्त:जुलाई 01, 2020 को 05:29 बजे सायं
2 जुलाई को, पारण (व्रत तोडऩे का) समय-05:24 प्रात: से प्रात:08:13 बजे
देवशयनी एकादशी पूजा विधि
देवशयनी एकादशी व्रत की शुरुआत दशमी तिथि की रात्रि से ही हो जाती है. दशमी तिथि की रात्रि के भोजन में नमक का प्रयोग नहीं करना चाहिए. अगले दिन प्रात: काल उठकर देनिक कार्यों से निवृत होकर व्रत का संकल्प करें भगवान विष्णु की प्रतिमा को आसन पर आसीन कर उनका षोडशोपचार सहित पूजन करना चाहिए। पंचामृत से स्नान करवाकर, तत्पश्चात भगवान की धूप, दीप, पुष्प आदि से पूजा करनी चाहिए। भगवान को ताम्बूल, पुंगीफल अर्पित करने के बाद मन्त्र द्वारा स्तुति की जानी चाहिए। इसके अतिरिक्त शास्त्रों में व्रत के जो सामान्य नियम बताये गए है, उनका सख्ती से पालन करना चाहिए।
इस व्रत को करने से समस्त रखते वाले व्यक्ति को अपने चित, इंद्रियों, आहार और व्यवहार पर संयम रखना होता है. एकादशी व्रत का उपवास व्यक्ति को अर्थ-काम से ऊपर उठकर मोक्ष और धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है.
-मदन गुप्ता सपाटू,ज्योतिर्विद्, चंडीगढ़।