चंडीगढ़। राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने विदेशों में प्रतिबंधित सिख संगठन सिख्स फॉर जस्टिस का समर्थन करते हुए रैफरेंडम-2020 को बढ़ावा देने के आरोप में परगट सिंह नामक एक युवक को गिरफ्तार किया है। एनआईए ने आरोपों को मंगलवार को मोहाली स्थित अदालत में पेश करके 29 जून तक रिमांड पर ले लिया है।
कई गरमपंथी विचारधारा वाले सिख युवा रैफरंडम-2020 को बढ़ावा दे रहे हैं। विदेशों में स्थित सिख्स फॉर जस्टिस द्वारा इसका समर्थन किया जा रहा है। पंजाब व अन्य स्थानों पर इस संगठन को पहले ही प्रतिबंधित घोषित किया जा चुका है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार परगट सिंह नामक युवक पिछले कई दिनों से सोशल मीडिया पर रैफरंडम 2020 के लिए समान विचारधारा वाले लोगों को लामबंद कर रहा था। आरोप है कि उक्त युवक ने पंजाब व दिल्ली में कई जगह रैफरंडम को लेकर पोस्टर भी बांटे थे। जिसके चलते एनआईए ने एक गुप्ता आप्रेशन को अंजाम देते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।
अदालत ने 29 जून तक रिमांड पर भेजा
सिख्स फॉर जस्टिस की पंजाब में वर्ष 2017-2018 के दौरान हुई हिंसक घटनाओं में लिप्तता के प्रमाण मिले हैं। सरकार के दावों के बावजूद उक्त संगठन तथा इससे जुड़े लोग इस साल जनवरी माह से ही सक्रिय हो रहे थे। लॉकडाउन के चलते उक्त गरमपंथियों ने धरातल पर तो अपनी गतिविधियों को रोक दिया लेकिन सोशल मीडिया पर सक्रियता जारी रखी। जिसके चलते कई नौजवान एनआईए के रॉडार पर हैं। परगट सिंह को मंगलवार को मोहाली स्थित एनआईए की विशेष अदालत में पेश किया गया। जहां एनआईए के जांच अधिकारियों ने देश की शांति व कानून-व्यवस्था का हवाला देकर दस दिन के रिमांड की मांग की। एनआईए का तर्क था कि आरोपी के माध्यम से रैफरंडम के समर्थन में मुहिम चलाने वाले कई लोगों का पता लगाया जाना है और कुछ आपत्तिजनक सामग्री भी बरामद हो सकती है। अदालत ने आरोपी को 29 जून तक के लिए रिमांड पर भेज दिया है।