पूरी दुनिया इस वक्त कोरोना वायरस से उपजे संकट का सामना कर रही है। इस घातक वायरस ने पूरी दुनिया में 4 लाख से ज्यादा लोगों की अब तक जान ले ली है। विश्व के कई देश इस वायरस से निपटने के लिए वैक्सीन और ड्रग की खोज के लिए रिसर्च कर रहे हैं। इसी कड़ी में अब इंग्लैंड के शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि डेक्सामेथासोन नाम के स्टेरॉइड के इस्तेमाल से गंभीर रुप से बीमार हुए कोरोना मरीजों की मृत्यू दर एक तिहाई तक घटने का कहा है। मंगलवार को इन नतीजों की जानकारी दी गई है और जल्द ही इस स्टडी को पब्लिश भी किया जाएगा।
स्टडी में कही गई ये बात
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, स्टडी के दौरान 2104 मरीजों को ये दवा दी गई और उनकी तुलना 4321 ऐसे मरीजों से की गई जिनकी साधारण तरीके से देखभाल की जा रही थी। गौरतलब है कि भारत में यह दवा 10 रुपए में 10 एमएल मिलती है। इसकी मैन्यूफैक्चरिंग भी भारतीय कंपनियां करती हैं और यह दवा तोसिलिजुमैब 400एमजी से भी सस्ती है।
ने भी की सराहना
इंग्लैड द्वारा की गई इस स्टडी और इससे सामने आए उत्साहजनक परिणामों की विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी सराहना की है। डब्ल्यूएचओ की ओर से कहा गया है कि 'हम डेक्सामेथासोन पर हुई रिसर्च का स्वागत करते हैं जो कोरोना मृत्यूदर में कमी ला सकता है। हमें जीवन को बचाने और नए संक्रमण को फैलने से रोकने पर ध्यान देना होगा।'
साथ ही डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि कोरोना के गंभीर मरीजों पर इस दवा का असर दिखाई दिया है, हालांकि हल्के लक्षणों वाले मरीजों को इससे कोई लाभ मिलता नहीं दिखा है।
स्टेरॉइड है हेक्सामेथासोन
डेक्सामेथासोन एक स्टेरॉइड है जिसका उपयोग सूजन कम करने के लिए किया जाता है। इसका इस्तेमाल सूजन संबंधी रोग और कुछ तरह के कैंसर में भी किया जाता है। यह दवा डब्ल्यूएचओ की मॉडल सूची में आवश्यक दवाओं की सूची में साल 1977 से लिस्टेड है।