चंडीगढ़। हरियाणा में टिड्डी दल के बढ़ते हुए खतरे से किसानों के चेहरे मुर्झाए हुए हैं क्योंकि एक तरफ तो सरसों व गेहूं की फसलों के सरकारी खरीद एजेंसियों द्वारा उचित भाव न मिलना और दूसरी तरफ बेची हुई गेहूं की अदायगी न होना चिंता का विषय बनती जा रही है। यह बात इनेलो के वरिष्ठ नेता चौधरी अभय सिंह चौटाला ने एक बयान के दौरान कही। उन्होंने कहा कि सरकार का ये कहना कि हरियाणा के सभी उपायुक्तों को आदेश दे दिया है कि वह टिड्डी दल से फसलों के बचाव के लिए उपयुक्त प्रबंध करे और उपायुक्तों ने आगे कृषि व राजस्व अधिकारियों को आदेश मानने के लिए कह दिया है।
परंतु हैरानी की बात है कि यह अप्रैल से बार-बार खबरें आ रही हैं कि टिड्डी दल किसी भी समय हमला कर सकता है। परंतु सरकार ने सिवाय आदेश पारित करने के अभी तक जमीनी स्तर पर कोई उपयुक्त प्रबंध नहीं किए हैं। क्या सरकार ने अधिकारियों को टिड्डी दल आने से पहले कीटनाशक दवाइयों का एरियर स्प्रे आदि करने के दिशा-निर्देश दे दिए हैं या नहीं।
इनेलो नेता ने हरियाणा सरकार को घेरा
उन्होंने कहा कि किसान तो पहले ही कर्ज के मारे आत्महत्याएं कर रहे हैं, ऊपर से कोरोना के कहर ने दूध, सब्जी, मछली पालन एवं पोल्ट्री फार्म आदि का कार्य करने वाले किसानों को जमीन पर ला दिया है। किसानों को उनकी सब्जियों आदि का लागत मूल्य पूरा न होने की वजह से उनको सडक़ों पर फैंकना पड़ा। टिड्डी दल तो अब आया है परंतु सरकारी टिड्डी दल तो छह साल से हरियाणा में राज कर रहा है जो हर वर्ष धान की फसल को चट कर जाता है और किसान की खून-पसीने की कमाई खरीद एजेंसियों की मार्फत यह कौडिय़ों के भाव खरीदता है।
हरियाणा का नया राजनीतिक दल चूस रहा किसानों का खून
इनेलो नेता ने कहा कि इस पुराने टिड्डी दल के साथ वर्ष 2019 में एक नया दल और शामिल हो गया जिसने तो सरसों और गेहूं की फसल को चट करने के साथ-साथ किसान, मजदूरों का जोक की तरह खून भी चूस डाला। इस दल ने 100 रुपए शराब की बोतल को 400 रुपए में बेचा जिसकी वजह से इस दल से संबंधित तमाम लोगों ने गरीब लोगों का खून चूसने में कोई कसर नहीं छोड़ी। बड़ी अजीब बात है कि इस दल का दबदबा इतना देखा कि गृह मंत्री जैसा निडर नेता भी यह बयान देता है कि एडवोकेट जनरल ने एसईटी को शक्तियां देने से इनकार कर दिया है और इससे ज्यादा मैं और क्या कर सकता हूं? इस हालात में हरियाणा के किसानों को एक टिड्डी दल का खतरा नहीं है, इनको तो जो सरकारी टिड्डी दल है, उससे भी दिन-रात निपटना पड़ता है।