चंडीगढ़, 22 मई। एक तरफ हरियाणा से लाखों प्रवासियों का पलायन और दूसरी तरफ धान की पैदावार को लेकर हरियाणा सरकार की सख्ती। ऐसे में किसानों ने नया रास्ता निकालते हुए धान की सीधी बिजाई की तैयारी कर ली है। सीधी बिजाई से किसानों की कई समस्याओं का समाधान होगा।
हरियाणा में इस सीजन के दौरान धान की रोपाई को लेकर सियासी घमासान मचा हुआ है। हरियाणा सरकार उत्तरी हरियाणा के सात जिलों में धान की रोपाई पर रोक लगा चुकी है। सरकार इन जिलों में किसानों की निगरानी कर रही है। दूसरी तरफ इस साल कोरोना के चलते हरियाणा से लाखों की संख्या में प्रवासी मजदूर पलायन कर चुके हैं। गेहूं की कटाई तो मशीनों से हो जाती है लेकिन धान की रोपाई अथवा पनीरी तैयार के लिए मजदूरों की जरूरत होती है। प्रवासियों के पलायन से धान का सीजन खतरे में है।
किसान भारतीय कृषि अनुसंधान नई दिल्ली की तकनीक सीधी बिजाई का इस्तेमाल कर रहे हैं। प्रदेश के कुछ हिस्सों में किसानों ने मशीनों के जरिए सीधी बिजाई की तैयारी कर ली है। भारतीय किसान यूनियन हरियाणा के मीडिया प्रभारी राकेश बैंस के अनुसार धान की रोपाई के लिए अधिक मात्रा में श्रमिकों की जरूरत होती है। पर कोरोना की वजह से लॉकडाउन के बीच श्रमिक अपने-अपने गृह राज्यों की तरफ पलायन कर चुके हैं। किसान को धान की रोपाई करने के लिए श्रमिक नहीं मिल रहे। इसलिए किसानों ने धान की रोपाई की बजाए सीधी बिजाई का निर्णय लिया है।