चंडीगढ़। एक तरफ जहां लॉकडाउन के दौरान पूरे देश में घरेलू हिंसा व महिला उत्पीडऩ की घटनाओं में अचानक वृद्धि हुई है वहीं हरियाणा में हालात इसके एकदम उलट हैं। हरियाणा में लॉकडाउन के दौरान महिला उत्पीडऩ व घरेलू हिंसा की घटनाओं में कमी आई है। हरियाणा पुलिस के पास आई शिकायतों को अगर गौर से देखा जाए तो हरियाणा की स्थिति पड़ोसी राज्यों के मुकाबले एकदम उलट है। हरियाणा में 22 मार्च को जनता कफ्र्यू के बाद 23 मार्च से चरणबद्ध लॉकडाउन शुरू हो गया था। लॉकडाउन में हर तरफ से ऐसी खबरें आई जिसमें कहा गया कि घरेलू हिंसा, महिलाओं के साथ मारपीट व उत्पीडऩ की घटनाएं बढ़ रही हैं। हरियाणा में इस तरह की खबरें तो आई लेकिन पुलिस के पास आने वाली शिकायतों की अगर पिछले साल के साथ तुलना की जाए तो यह आंकड़ा कम है।
हरियाणा पुलिस द्वारा महिलाओं के लिए हेल्पलाइन नंबर 1091 चलाया गया है। इस हेल्पलाइन नंबर पर 25 मार्च से 13 मई तक घरेलू हिंसा से संबंधित कुल 5935 शिकायतें आई। इनमें ज्यादातर पति व ससुर के विरूद्ध थी। जिसमें महिलाओं ने मारपीट करने, अभद्र व्यवहार करने आदि जैसे आरोप लगाए थे। इसके अलावा कई केस घरेलू बातों को लेकर नौक-झौंक बढऩे के संबंध में थे। पुलिस ने ज्यादातर मामलों को कांउसलिंग के माध्यम से सुलझाया। इसके बावजूद 26 केसों में एफआईआर दर्ज की गई। दूसरी तरफ पिछले साल इसी अवधि के दौरान पुलिस के पास कुल 6060 शिकायतें आई थी। जिनमें से 74 को एफआईआर के लिए भेजा गया।
हरियाणा में लॉकडाउन की उपरोक्त अवधि के दौरान महिलाओं से छेड़छाड़, दुष्कर्म, अभद्रता आदि की कुल 12060 कॉल आई हैं। जिनमें से 175 केसों में एफआईआर दर्ज की गई है। इसके उलट पिछले साल इसी अवधि के दौरान 12 हजार 986 शिकायतें पुलिस के पास आई थी। जिनमें से 587 में एफआईआर दर्ज करने के आदेश जारी किए गए थे। हरियाणा पुलिस में एसपी क्राइम अंगेस्ट वूमैन कमलदीप गोयल के अनुसार अन्य राज्यों के मुकाबले हरियाणा में लॉकडाउन की अवधि के दौरान महिलाओं के खिलाफ होने वाली उत्पीडऩ की घटनाओं में कमी आना बेहद सकारात्मक व सुखद पहलू है। देश के कई राज्यों से लॉकडाउन के दौरान महिला उत्पीडऩ की घटनाएं बढऩे की खबरें आ रही हैं लेकिन हरियाणा इस मामले में अन्य राज्यों से अलग रहा है।