मोहाली , 15 मई। श्री आनंदपुर साहिब से सांसद मनीष तिवारी ने कोरोना संक्रमण के चलते लॉकडाउन के बीच शैक्षणिक व तकनीकी प्रशिक्षण संस्थानों की बढ़ रही आर्थिक परेशानी का मुद्दा केन्द्र सरकार के समक्ष उठाने का भरोसा दिया है। सांसद तिवारी हल्के के अलग-अलग काॅलेजों, युनिवर्सिटियों के प्रिंसीपलों व उप कुलपतियों से वीडियो कांफ्रैंसिंग के जरिए चर्चा कर रहे थे।
गौरतलब है कि सांसद तिवारी द्वारा लगातार अलग-अलग वर्गों से बैठकें की जा रही हैं, ताकि उनकी समस्याओं का उचित हल करवाया जा सके। जिन्होंने आज अलग-अलग शैक्षणिक व तकनीकी प्रशिक्षण संस्थानों के प्रिंसीपलों व उप कुलपतियों के साथ बैठक की। जिनका कहना था कि लॉकडाउन व मंदी के बीच मार्च व अप्रैल महीने तो किसी तरह से निकाल लिए, लेकिन अब हालात नियंत्रण से बाहर हैं। संस्थानों के साथ हजारों की संख्या में टीचिंग व नाॅन टीचिंग स्टाफ जुड़ा है। जिन्हें वेतन देने को फीस वसूलने के अलावा कोई अन्य साधन नहीं है। हालांकि इसका अर्थ नहीं है कि सभी पैसे दें। कमजोर वर्गों के बच्चों को पहले भी फीस मंे छूट देते हैं, लेकिन जिनके पास साधन हैं, वो अदा करें। इसी तरह, उन्होंने यह भी मांग की कि केन्द्र सरकार अन्य वर्गों की तरह उन्हें भी आर्थिक पैकेज दे। इसी तरह, सरकार के पास युनिवर्सिटीज की 5 करोड़ रुपए की अंडरटेिकंग है, जिन्हें इस्तेमाल करने की इजाजत दी जाए या फिर उन्हें किसी तरह का लोन मुहैया करवाया जाए, जिसे बाद में वे धीरे-धीरे उतार देंगे।
इन सभी मांगों को सुनने के बाद सांसद तिवारी ने शैक्षणिक व तकनीकी प्रशिक्षण संस्थानों के प्रतिनिधियों को भरोसा दिया कि उनकी समस्याओं का उचित हल करवाने का प्रयत्न करेंगे। तिवारी ने कहा कि ज्यादातर मांगें केन्द्र सरकार से संबंधित हैं। वह समझते हैं कि आप मुश्किल समय से गुजर रहे हैं, लेकिन देश भी मुसीबत में है। कोरोना के चलते बने हालातों में सरकार का खजाना दिन-प्रतििदन खाली हो रहा है, ताकि लोगों को अधिक से अधिक राहत दी जा सके। वह उनकी आर्थिक परेशानी का मुद्दा केन्द्रीय मानव संसाधन मंत्री व वित्त मंत्री के समक्ष उठाएंगे, ताकि उन्हें कोई आर्थिक पैकेज मिल सके।