चंडीगढ़, 13 मई। हरियाणा में गेहूं खरीद का काम समाप्त होने के साथ-साथ खरीफ फसल का सीजन भी शुरू होने जा रहा है। कोरोना के चलते इस बार हरियाणा की धान का सीजन 15 दिन देरी से शुरू होगा। दूसरी हरियाणा से लगातार हो रहे मजदूरों के पलायन ने धान के सीजन में किसानों की चिंता बढ़ा दी है। किसानों के सामने धान की रोपाई को लेकर बड़ा संकट आ रहा है।
हरियाणा में आमतौर पर मई माह के दूसरे पखवाड़े धान की पनीरी तैयार की जाती है और एक जून से धान की रोपाई शुरू हो जाती है। इस बार कोरोना के चलते गेहूं की खरीद देरी से शुरू हुई है और खरीद कार्य देर तक चलेगा। ऐसे में सरकार ने धान का सीजन भी 15 दिन आगे बढ़ा दिया है। हरियाणा में अब एक जून से 15 जून तक पनीरी तैयार की जाएगी और 15 जून से धान की रोपाई शुरू होगी। उधर धान के सीजन में किसानों के सामने मजदूरों का पलायन सबसे बड़ा संकट बन गया है। हरियाणा में हर साल फरवरी माह के दौरान करीब 60 हजार प्रवासी मजदूर आते थे। यह मजदूर गेहूं कटाई और धान की रोपाई के बाद वापस लौटते थे। इस साल कोरोना के चलते यह मजदूर नहीं आए। इसके अलावा लॉकडाउन के चलते करीब एक लाख प्रवासी मजदूर हरियाणा से अपने-अपने पैतृक राज्यों को जा चुके हैं। श्रमिक रेलगाडिय़ों में मजदूरों का पलायन अभी भी जारी है। ऐसे में किसानों के सामने सबसे बड़ा संकट धान की रापोई को लेकर खड़ा हो गया है।