चंडीगढ़, 13 मई। कोरोना मरीजों की जांच करने के लिए चाइनीज़ किट को खारिज करके साउथ कोरियन किट को अपनाने वाले हरियाणा को इस मामले में भी धोखा मिला है। कोरियन किट भी कोरोना टैस्ट में फेल हो गई है जिसके बाद सरकार ने इस किट पर भी रोक लगा दी है। इससे पहले केंद्र सरकार चाइना की किट्स पर रोक लगा चुकी है। चाइना को दिए गए आर्डर भी रद्द हो चुके हैं। गुरुग्राम की प्राइवेट लैब एसआरएल पर अब सरकार बड़ी कार्रवाई करेगी। इस लैब के नतीजों को लेकर विवाद था। अंबाला की नर्स सहित चार लोगों के सैम्पल इस लैब ने पॉजिटिव बताए थे।
मानेसर स्थित साऊथ कोरियन कंपनी द्वारा बनाई गई रैपिड टेस्ट किट के नतीजे भी सही नहीं मिले हैं। इन किटों से प्रदेश में टेस्टिंग शुरू करने से पहले सरकार ने रैपिड किटों को कोरोना पॉजिटिव मरीजों पर इस्तेमाल करने का फैसला लिया। पॉजिटिव मरीजों को रैपिड किट में नेगेटिव दिखाया गया। राज्य सरकार ने चारों के सैंपल पहले करनाल के कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज में भेजे, जहां से रिपोर्ट नेगेटिव आई। इसके बाद सोनीपत के खानपुर स्थित मेडिकल कॉलेज में सैम्पल भेजे तो वहां की रिपोर्ट भी नेगेटिव मिली। इसी वजह से सरकार ने एसआरएल पर बैन करके उसके खिलाफ जांच के आदेश दिए थे। हालांकि दिल्ली स्थित एम्स ने लैब के सैम्पल की जांच से इंकार कर दिया था। इसके बाद पीजीआई रोहतक में सैम्पल भेजे गए। पीजीआई की रिपोर्ट भी लैब के खिलाफ आई है। इस पर स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि लैब के साथ किए गए एमओयू की स्टडी होगी। इसके बाद कार्रवाई की जाएगी।
अनिल विज ने बताया कि हरियाणा सरकार ने प्रदेश में चार और लैब स्थापित करने का निर्णय लिया है ताकि कोरोना के सैम्पल लेने की स्पीड बढ़ाई जा सके। प्रदेश की ओर से केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को सिरसा, अंबाला, पानीपत और गुरुग्राम के नागरिक अस्पतालों में लैब की मंजूरी के लिए पत्र भेजा गया है। वर्तमान में करनाल के कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज, खानपुर मेडिकल कॉलेज, नल्हड़ (मेवात) मेडिकल कॉलेज व पीजीआई रोहतक की लैब में सैम्पलों की जांच हो रही है। गुरुग्राम में पांच प्राइवेट लैब को भी मंजूरी दी गई। इनमें से एक एसएलआर पर बैन लगाया हुआ है, जबकि बाकी लैब काम कर रही हैं।