चण्डीगढ़ ,12 मई:- पूरे विश्व में फैले निरंकारी परिवार द्वारा उनके पूर्व सद्गुरु बाबा हरदेव सिंह जी महाराज को ‘समर्पण दिवस’ मनाते हुए श्रद्धांजली अर्पित की यह जानकारी चण्डीगढ ब्रांच़ के संयोजक नवनीत पाठक जी ने दी। उन्होने आगे कहा कि निरंकारी बाबा हरदेव सिंह जी महाराज की स्मृति के रूप में प्रति वर्ष 13 मई को ‘समर्पण दिवस’मनाया जाता है। इस वर्ष कोरोना महामारी के वैश्विक संकट को देखते हुए सरकार के निर्देशों को सम्मुख रख कर समर्पण दिवस पर किसी भी विशेष सत्संग समारोह का आयोजन न करते हुए घर बैठे ही ऑनलाईन संत समागम के माध्यम से निरंकारी भक्त बाबा हरदेव सिंह जी के प्रति अपने श्रद्धा भाव अर्पित करेंगे जिसमें मिशन की वर्तमान प्रमुख, सद्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज द्वारा अपना पावन संदेश भी प्रसारित किया जायेगा । बाबा हरदेव सिंह जी ने मिशन के आध्यात्मिक प्रमुख के रुप में 36 साल मिशन की बागड़ोर सम्भाली और चार साल पहले इसी (13 मई के) दिन अपने नश्वर शरीर का त्याग कर अपने निराकार रुप में विलीन हो गए । अपने कार्य काल में बाबा जी ने अनथक परिश्रम करते हुए आध्यात्मिक जागरुकता के माध्यम से मिशन का सत्य, प्रेम, मानवता एवं विश्वबंधुत्व का संदेश संसार के कोने कोने में पहुंचाया जिससे वैर, द्वेष, ईर्ष्या, संकीर्णता, भेदभाव जैसी दुर्भावनायें दूर होकर मानवीय मूल्यों को बढ़ावा मिले और संसार में प्यार, अमन, दया, करुणा जैसे सद्गुणों का विकास हो ।
बाबा हरदेव सिंह जी ने 36 साल मिशन की बागड़ोर सम्भाली। उनके समय में मिशन 17 देशों से चलकर विश्व के प्रत्येक महाद्वीप के 60 राष्ट्रों तक पहुँच गया जहाँ राष्ट्रीय व अन्तराष्ट्रीय स्तर के समागम, युवा सम्मेलन, सत्संग कार्यक्रम, समाज सेवा, विभिन्न धार्मिक तथा आध्यात्मिक संस्थाओं के साथ ताल-मेल आदि शामिल थे। संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा संत निरंकारी मिशन को उनके सामाजिक एवं आर्थिक परिषद के सलाहकार के रूप में मान्यता भी बाबा जी के समय में ही प्रदान की गई है। बाबा जी ने विश्व के सामने एक नया दृष्टिकोण रखा कि प्रत्येक रेखा जो दो राज्यों या देशों को विभाजित करती है वो वास्तव में उन राज्यों व देशों को मिलाने वाली रेखा होती है। इस तरह की सोच अपना कर नफरत की दीवारों को गिराकर प्रेम के पुलों का निर्माण किया जा सकता है।