Friday, March 29, 2024
Follow us on
 
 
 
Haryana

लॉकडाउन में महिलाओं का सहारा बना हुनर,मास्क बना चालाई घर की रोजी रोटी

May 12, 2020 12:17 AM
भिवानी, 11 मई।  इंसान के हुनर को कोई छीन नहीं सकता है। सीखा हुआ काम कभी न कभी विषम परिस्थिति में जीवन का सहारा बन जाता है। राष्ट्रीय आजीविका मिशन शहरी क्षेत्र की महिलाओं के लिए भी उनका हुनर लॉक डाउन में सहारा बन गया है। भले ही कोविड-19 महामारी संक्रमण के चलते उनकी जिंदगी घर में लॉक है, पर उनके हौसले डाउन नहीं हैं। उनका सीखा हुआ काम ही आज उनके काम आ रहा है, जिससे वे अपने आप को स्वावलंबी महसूस करती हैं। स्वयं सहायता से जुड़ी अनेक महिलाएं अपने घर में मास्क बनाकर गर्व के साथ वे अपना जीवन बसर कर रही हैं।
 
उल्लखेनीय है कि कोविड-19 महामारी संक्रमण से बचाव को लेकर लॉक डाउन लागू है। इससे चलते लोगों को अपने घरों में रहने के निर्देश दिए गए हैं। केवल जरूरी कार्य होने पर ही घर से बाहर जाने की इजाजत है। केवल बड़े उद्योग प्रभावित हुए हैं, बल्कि छोटे-छोटे कार्य करने वालों पर साफ तौर पर असर हुआ है। इस दौरान राष्ट्रीय आजाविका मिशन से जुड़ी स्वयं सहायता समूह की महिलाएं भी अछूती नहीं रही हैं, जो समूह बनाकर अपना काम करती हैं। लेकिन इन महिलाओं ने लॉक डाउन में अपने हुनर का प्रयोग किया, जो इनके लिए सहारा बना है। आजीविका मिशन की एसएमआईडी ने अनुसार शहरी क्षेत्र की बात करें तो अनेक ऐसी महिलाएं हैं, जो मास्क बनाने के काम में लगी हैं।
 
 
बंद हो गई थी पति की पनवाड़ी की दुकान-रेखा
बावड़ी गेट निवासी रेखा ने बताया कि उनके पति की पनवड़ी की दुकान है, जो कि लॉक डाउन के दौरानं सभी दुकानों के साथ वह भी बंद हो गई थी। वह कुछ सिलाई का काम जानती थी, ऐसे में उन्होंने एसएमआईडी ज्योति पांचाल की सलाह पर मास्क बनाने का काम शुरु किया। इससे उनको लॉक डाउन में बहुत सहारा मिला है। उन्होंने कहा कि सीखे काम की हमेशा कदर होती है।
 
 
मास्क से चल पड़ी घर की रसोई-शमीना
हनुमान गेट निवासी शमीना ने बताया कि उनके पति टैक्सी चालक हैं। लॉक डाउन होने से उनकी गाड़ी बंद हो गई, जिससे एक बार तो उनके सामने परिवार पालने की नौबत बनी। लेकिन उन्होंने अपना हौंसला नहीं छोड़ा और मास्क बनाने का काम शुरु किया। इससे उनका जीवन-बसर सही ढंग से हो रहा है।
 
 
पहले था पेपर वर्क से ज्वैलरी बनाने का काम-मनीषा
भोजावाली देवी मंदिर क्षेत्र निवासी मनीषा ने बताया कि उनका पहले पेपर वर्क से ज्वैलरी बनाने का काम था। इसके लिए उन्होंने सामान भी लाकर रखा हुआ था कि अचानक कोनोना संक्रमण से लॉक डाउन हो गया और उनका काम बंद हो गया। लेकिन उनका सीखा हुआ सिलाई का कार्य अब काम आया और उन्होंने मास्क बनाने शुरु किए। इससे उनको बहुत सहारा मिला है।  राष्ट्रीय आजीविका मिशन शहरी की एसएमआईडी ज्योति पांचाल ने इन महिलाओं के बताया कि जिले में शहरी क्षेत्र में करीब 180 स्वयं सहायता समूह हैं, इनमें अधिकांश महिलाएं कुछ न कुछ काम लॉक डाउन में कर रही हैं। इन महिलाओं के बारे में उन्होंने ये विषम परिस्थिति में परिवार का सहारा बनी हैं, जो अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। इनकी तरह अन्य महिलाएं भी लॉक डाउन के दौरान कुछ न कुछ कर सकती हैं, जिससे कि परिवार की आमदनी बढ़ सके। 
 
Have something to say? Post your comment
More Haryana News
प्रो. शालिनी तनेजा को उज्जवला सम्मेलन में मिला नारी शक्ति सम्मान
हरियाणा की बेटी ने देवभूमि उत्तराखंड में बिखेरा परचम
तीसरी बार मोदी सरकार के लिए सुनील जागलान ने शुरू किया राष्ट्रव्यापी अभियान
जनसेवा में नारीशक्ति का जुड़ाव रेडक्रास के बढ़ते मजबूत कदम
कुरुक्षेत्र के समाज सेवी संदीप गर्ग भाजपा में शामिल, सीएम ने किया स्वागत 
कृषि व एमएसएमई पर रहेगा नाबार्ड का फोकस
हरियाणा विधान सभा में ड्रेस लागू होने से बदला सदन का स्वरूप
कश्मीर घाटी के पुलवामा में अदम्य साहस का प्रदर्शन करने हेतु मेजर अंतरिक्ष त्यागी सेना मेडल (वीरता) से अलंकृत
पंचकूला के सेक्टर-26 हर्बल पार्क में सूर्य नमस्कार कार्यक्रम का आयोजन
तीन दिवसीय नेशनल फिल्म फेस्टिवल 23 फरवरी से पंचकूला में