चंडीगढ़, 11 मई। हरियाणा में हुए शराब घोटाले में कई सफेदपोश व नौकरशाह भी शामिल हो सकते है और इसके घोटाले के तार सात राज्यों के साथ जुड़े हुए हैं । जांच में शराब माफिया भूपेंद्र सिंह दहिया के कई ऐसे लोगों के साथ संबंध होने के संकेत मिले हैं। शराब तस्करी व अन्य मामलों में भूपेंद्र के खिलाफ एक दर्जन से ज्यादा एफआइआर दर्ज हैं।
आरोपी की संपत्ति अटैच करने की तैयारी
सोनीपत के खरखौदा स्थित भूपेंद्र सिंह दहिया का वह गोदाम तस्करी का सेंटर प्वाइंट था, जहां पुलिस जब्त की गई शराब रखती थी। इस गोदाम में बढिय़ा किस्म की करीब साढ़े पांच हजार पेटियां रखी गई थी। आबकारी एवं कराधान विभाग के अधिकारी भी भूपेंद्र सिंह के इसी गोदाम में अपनी शराब रखते थे, ताकि ठेकेदारों के मांगने पर उसे उन तक सप्लाई किया जा सके। अब सवाल उठता है कि आखिर पुलिस व आबकारी विभाग के अधिकारियों की ऐसी क्या मजबूरी थी कि एक आपराधिक प्रवृत्ति के व्यक्ति के गोदाम की सेवाएं लेनी पड़ें।
भूपेंद्र सिंह इस गोदाम का किराया भी नहीं लेता था। गिरफ्तारी के डर से बचने के लिए भूपेंद्र ने खरखौदा पुलिस के सामने दो दिन पहले खुद सरेंडर किया है। इस मामले में पुलिस दो एसएचओ अरुण और जसबीर को निलंबित किया जा चुका है। अरुण को गिरफ्तार किया जा चुका, जबकि जसबीर अभी फरार है। पांच पुलिस कर्मियों के विरुद्ध भी एफआईआर है, लेकिन अभी तक बड़े मगरमच्छों की घेराबंदी नहीं हो पाई है। हरियाणा सरकार के सूत्रों के अनुसार भूपेंद्र सिंह की संपत्ति की जांच के लिए ईडी व आय-व्यय का हिसाब जानने के लिए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को लिखा जा रहा है। ईडी भूपेंद्र सिंह की सात राज्यों में संपत्ति की भी जांच कर सकती है, क्योंकि सरकार को आशंका है कि जहां-जहां वह शराब की सप्लाई करता था, वहां-वहां भूपेंद्र सिंह की संपत्तियां हो सकती हैं, जिन्हें अटैच किया जा सकता है