Haryana

हरियाणा में नमक और घी बढ़ा रहे हैं हृदय रोग का खतरा:कपूर

SHIKHA SHARMA | July 19, 2018 07:28 PM
 
करनाल। अनियंत्रित खानपान और आरामदायक जीवन शैली हृदय रोग का जहां एक बड़ा कारण है वहीं डॉक्टरों के शोध में यह भी सामने आया है कि हरियाणा में नमक और घी का सेवन करने वालों को हार्ट अटैक का खतरा अधिक रहता है। इससे लोगों को सावधान रहने की जरूरत है। 
करनाल वासियों को हृदय रोग के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से आज यहां आयोजित एक कार्यशाला के दौरान मेदांता द मेडिसिटी में  इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी हार्ट इंस्टीट्यूट के वरिष्ठ निदेशक डॉ.रजनीश कपूर, स्थानीय अमृतधारा अस्पताल के फिजिशियन एवं प्रबंध निदेशक डॉ.राजीव गुप्ता व डॉ.मयंक गोयल ने यह जानकारी दी।
डाक्टर कपूर ने बताया कि हार्ट अटैक आने के बाद स्टंट डालकर मरीज को उपचार दिया जाता है। उपचार के दौरान प्रत्यारोपित स्टेंट पर रक्त के थक्के बनने का खतरा प्रति वर्ष केवल 0.6 प्रतिशत देखा गया है, किंतु अगर ऐसा होता है तो मरीज में अचानक दिल का दौरा पड़ मौत का खतरा 40 प्रतिशत तक देखा गया है। कपूर ने कहा कि ओसीटी प्रौद्योगिकी के उपयोग से एंजियोप्लास्टी के बाद की जटिलताओं को रोकने में बहुत मदद मिलती है। साथ ही इससे जीवन को बचाने में भी मदद मिलती है। कपूर ने बताया कि ओसीटी का उपयोग करके धमनियों के आकार, घुमाव, मोड़ों और रास्तों की निरंतर सुपर-हाई-रिजॉल्यूशन छवि रिकार्ड करने के लिए एक हाई-रिजॉल्यूशन कैमरा को अंदर प्रवेश कराते हैं, जो मानव बाल से भी पतला होता है। इसके माध्यम से धमनी के अंदर की 3-डी छवि प्राप्त की जा सकती है। उन्होंने कहा कि यूएसएफडीए के अनुमोदन वाले सभी स्टेंट को अन्य से बेहतर माना जाता है। वह बेहतर गुणवत्ता से बने होने के साथ-साथ बहुत पतले व कई आकार में उपलब्ध होते हैं। स्टेंट पर मूल्य नियंत्रण के बाद भी यह स्टेंट अतयंत कम कीमत पर उपलब्ध है। डाक्टर कपूर ने बताया कि गुरुग्राम के बाद पूरे हरियाणा क्षेत्र में पहली बार ओसीटी तकनीक का इस्तेमाल करनाल में होने जा रहा है। उन्होंने बताया कि स्टेंट के विफल होने के दो प्रमुख कारण स्टेंट थ्रोम्बोसिस और इन-स्टेंट रेस्टनोसिस है। अब तक की गई शोध से पता चलता है कि स्टेंट थ्रोम्बोसिस की दर पहले वर्ष में एक प्रतिशत से कम और उसके बाद प्रति वर्ष 0.2 से 0.4 प्रतिशत के आसपास होती है जबकि इन-स्टेंट रेस्टेनोसिस की दर करीब पांच प्रतिशत होती है। डाक्टर राजीव गुप्ता ने कहा कि भारतीयों में दिल के दौरे में बेतहाशा वृद्धि और एंजियोप्लास्टी इसका स्वर्ण मानक होने के कारण स्टेंट की सुरक्षा औश्र लोगों के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए उपचार प्रोटोकॉल में अपेक्षाकृत नई प्रौद्योगिकियों के इस्तेमाल पर जागरूकता पैदा करने की तत्काल जरूरत है।
डाक्टर मयंक गोयल ने कहा कि हरियाणा में दिल के दौरे के मामले काफी बढ़ रहे हैं। उन्होंने करनाल तथा आसपास के रोगियों पर की गई शोध के आधार पर बताया कि देसी घी का सेवन, धूम्रपान, अत्याधिक शराब का सेवन, व्यायाम की कमी, कम नींद और तनाव हरियाणा के लोगों में दिल के दौरे के लिए सबसे अधिक कारण है।
 
Have something to say? Post your comment
More Haryana News
हरियाणा की बेटी ने देवभूमि उत्तराखंड में बिखेरा परचम
तीसरी बार मोदी सरकार के लिए सुनील जागलान ने शुरू किया राष्ट्रव्यापी अभियान
जनसेवा में नारीशक्ति का जुड़ाव रेडक्रास के बढ़ते मजबूत कदम
कुरुक्षेत्र के समाज सेवी संदीप गर्ग भाजपा में शामिल, सीएम ने किया स्वागत 
कृषि व एमएसएमई पर रहेगा नाबार्ड का फोकस
हरियाणा विधान सभा में ड्रेस लागू होने से बदला सदन का स्वरूप
कश्मीर घाटी के पुलवामा में अदम्य साहस का प्रदर्शन करने हेतु मेजर अंतरिक्ष त्यागी सेना मेडल (वीरता) से अलंकृत
पंचकूला के सेक्टर-26 हर्बल पार्क में सूर्य नमस्कार कार्यक्रम का आयोजन
तीन दिवसीय नेशनल फिल्म फेस्टिवल 23 फरवरी से पंचकूला में
पीडब्ल्यूडी कर्मी 26 फरवरी को करनाल में करेंगे सीएम आवास का घेराव