चंडीगढ़, 09 अक्तूबर ( न्यूज़ अपडेट इंडिया ) । हरियाणा के मेवात में रहने वाली लड़कियां अब मलाला के संघर्ष की कहानी को पढ़कर न केवल आगे बढ़ेंगी बल्कि अपने जीवन में देखे गए सपनों को भी साकार करेंगी। मेवात की लड़कियों के सपनों का साकार करने के लिए पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के प्रयासों से सेल्फी विद डॉटर फांउडेशन द्वारा 'लाडो पुस्तकालयÓ खोले जा रहे हैं।
पंद्रह गावों में आज बेटियां के हाथों होगा 'लाडो पुस्तकालयों का उदघाटन
कल्पना चावला व ज्योतिबाफूले के जीवन को चाहती है पढऩा
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के प्रयासों से साकार होगा सपना
सेल्फी विद डॉटर फांउडेशन पढ़ाएगा प्रतियोगी पुस्तकें
मेवात व गुरूग्राम में यह पहला मौका है जब एक साथ 15 पुस्तकालय खोले जा रहे हैं। इन पुस्तकालयों का उदघाटन किसी वीआईपी द्वारा नहीं किया जाएगा बल्कि बेटियों के लिए खोले जाने वाले इन पुस्तकालयों का उदघाटन,रख-रखाव तथा इस्तेमाल तक की जिम्मेदारी लड़कियों की ही होगी।
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा विकास हेतु गोद लिए गए मेवात तथा गुरूग्राम के 100 गावों में सेल्फी विद डॉटर के बीबीपुर मॉडल ऑफ विमेन एंपावरमेंट एंड विलेज डिवैलपमेंट प्लान को लागू कर रहे सुनील जागलान के अनुसार मेवात व गुरूग्राम के ग्रामीण अंचल की महिलाओं एवं लड़कियों को आधुनिकता के साथ जोडऩे की मुहिम के दौरान उन्हें पता चला कि यहां की अधिकतर लड़कियों ने कभी किसी प्रतियोगिता परीक्षा आदि में भाग नहीं लिया। इतना ही नहीं यहां की अधिकतर युवतियां पढ़ी-लिखी होने के बावजूद उनमें सामान्य ज्ञान का भारी अभाव है। सुनील के अनुसार यहां की लड़कियां पढ़-लिखकर प्रतियोगी परीक्षाओं में भाग तो लेना चाहती हैं लेकिन साधनों की कमी तथा सामाजिक पाबंदियों के चलते उन्हें अपनी इच्छाओं को मरना पड़ता है।
इसके बाद सुनील जागलान ने जब पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को इस बारे में बताया तो उन्होंने प्रथम चरण में 15 गावों में लड़कियों के लिए पुस्तकालय खोलने के निर्देश दिए। पुस्तकालय खोलने से पहले सुनील जागलान ने जब लड़कियों से बातचीत करते हुए सर्वे किया तो मेवात में रहने वाली किसी लड़की ने मलाला युसुफजई के संघर्ष भरे जीवन को पढऩा चाहा तो किसी ने कल्पना चावला व ज्योतिबा फूले में गहरी दिलचस्पी दिखाई। कई लड़कियों ने ऐसी किताबों की मांग की जिन्हें पढ़कर वह प्रतियोगी परीक्षाओं में बैठ सकें।
लड़कियों से मिली फीडबैक के आधार पर रोजकामेव, बसई, खानपुर, रसीका, नया गांव, भोंडसी, अलीपुर, गढ़ी बजीदपुर, रिठौज, कादरपुर,दमदमा आदि समेत 15 गावों में मंगलवार से 'लाडो पुस्तकालयÓ शुरू किए जा रहे हैं। जिसके लिए सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। सुनील जागलान के अनुसार लड़कियों की मांग को देखते हुए महान् विभूतियों की जीवनी से संबंधित पुस्तकों के अलावा इन पुस्तकालयों में एसएससी, बैंकिंग,महिला पुलिस भर्ती, प्रतियोगी पुस्तकों के अलावा प्रेरणादायी पुस्तकें रखी गई हैं।
यह अपने आप में अपनी तरह का पहला ऐसा कार्यक्रम होगा जहां मंगलवार को एक साथ सभी पुस्तकालयों का उदघाटन भी संबंधित गावों की बेटियों के हाथों की करवाया जाएगा। भविष्य में इन पुस्तकालयों को उन सभी सौ गावों में खोला जाएगा जिन्हें पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा गोद लिया गया है।